भारत में ईरानी सांस्कृतिक परामर्श का हवाला देते हुऐ IQNA की रिपोर्ट; अखिल भारतीय सेवा कंपनी द्वारा ज़कात के बारे में किए गए एक नए सर्वेक्षण से पता चला है कि उपमहाद्वीप में 77% मुसलमानों का मानना है कि संगठनों और संस्थानों द्वारा एकत्र ज़कात लोगों के जीवन स्तर में सुधार ला सकती है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 171 मिलियन मुसलमान भारत में रहते हैं और यह अनुमान है कि लगभग 400 मिलियन ज़कात रुपये भारतीय उपमहाद्वीप द्वारा पूरे वर्ष भर में भुगतान किए जाते हैं, जिसका उपयोग भारत में मुसलमानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।
इस रिपोर्ट में उल्लेखित एक और बात यह है कि कई ज़कात इकठ्ठा करने वाले संगठन और व्यक्ति जुटाए गए धन का उपयोग धार्मिक स्कूलों में करते हैं।
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