IQNA की रिपोर्ट अराकान समाचार एजेंसी के अनुसार, बांग्लादेश सीनेट की अध्यक्ष शीरिन शेरमिन चोहेदारी ने एक बैठक में जो अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय हेग में रोम संविधान की 20 वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित हुई, कहाः कि म्यांमार सरकार ने रोहिंग्या अल्पसंख्यक को मारकर और विस्थापित करके उन्हें नष्ट कर दिया है।
उन्होंने कहा कि, इस तथ्य के बावजूद कि म्यांमार अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का सदस्य नहीं है, बांग्लादेश ने रोहिंग्या संकट से संबंद्धित जानकारी इस अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की प्रारंभिक जांच कार्यालय को प्रदान की है।
बांग्लादेश सीनेट की प्रमुख ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र और इसकी मानवाधिकार परिषद ने जातीय सफाई और नरसंहार सहित रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यक के खिलाफ किए गए अपराधों को खुलासा करने में बांग्लादेश के साथ खड़े होने का वचन दिया है।
उन्होंने रोहिंग्या शरणार्थियों की सुरक्षित और स्थायी वापसी में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की निरंतर और सक्रिय भूमिका पर जोर दिया।
याद रहे कि राखीन, म्यांमार में मुस्लिम रोहिंग्या अल्पसंख्यकों से लग भग 700,000 लोग सेना और बौद्ध चरमपंथियों द्वारा हमलों की तीव्रता के कारण 25 अगस्त, 2017 से बांग्लादेश भाग गऐ।
बांग्लादेश ने इस से पहले 400,000 म्यांमारियों को आश्रय दिया था, जो पिछले दशकों में अत्याचार के कारण म्यांमार से बच निकले थे।
नीदरलैंड के हेग में स्थित इंटरनेशनल आपराधिक न्यायालय, नरसंहार अपराधों, मानवता के खिलाफ अपराधों, युद्ध अपराधों और तजावुज़ अपराधों पर मुकदमा चलाने वाला पहला स्थायी अंतर्राष्ट्रीय ट्रिब्यूनल है।
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