इंटरनेशनल कुरान न्यूज़ एजेंसी (IQNA) ने आराकान न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक बताया कि तुर्की की मानवीय सहायता शाखा के प्रमुख अहमद आरतुरक अफीयुन प्रांत में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह दस्तावेज इस साल दिसंबर में म्यांमार और बांग्लादेश के सीमा क्षेत्र बना दिया जाएग़ा।
उन्होंने कहा कि तुर्की के मानवीय सहायता संगठन के साथ संबद्ध समूहों और टीमों ने सीमा क्षेत्र में म्यांमार के मुसलमानों की जिंदगी की शर्तों के 60 घंटों की फोटो ली है और एक छोटी वृत्तचित्र (32 मिनट) तैयार की गई।
अहमद आरतुरक ने कहा कि इस वृत्तचित्र के उत्पादन का उद्देश्य मुस्लिम रोहंग्या की भयानक स्थिति को स्पष्ट करना है।
यह दस्तावेज़ कल 7 जनवरी से साइबरस्पेस और सोशल नेटवर्क में जारी किया गया है।
इंटरनेशनल डॉक्टर्स विद बॉर्डर्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 9 000 अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमान 3सितंबर से 2 अक्तुबर के बीच मारे गए हैं।
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